Uday Prakash Ka Katha Sahitya : Bhumandalikaran Ka Pariprekshya
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Uday Prakash Ka Katha Sahitya : Bhumandalikaran Ka Pariprekshya

ISBN: 9788196728946
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Book Details
Book Author Dr. Prashant Sarkar
Language Hindi
Book Editions First
Binding Type Hardcover
Pages 224
Publishing Year 2024

समकालीन हिन्दी साहित्यकारों में उदय प्रकाश सर्वाधिक चर्चित हैं। उनके कथ्य का विस्तार ग्रामीण अंचल से लेकर वैश्विक परिप्रेक्ष्य तक है। उदय प्रकाश की रचनायें, चाहे वे कहानियाँ हां या कवितायें समाज के अंतिम व्यक्ति की संवेदना से जुड़ी हैं। सामान्य भाषा में कहें तो कहानियों में मनुष्य रचते हैं। उनके प्रत्येक चरित्र पाठक की संवेदना को झकझोरते हैं। यही कारण है कि वे देश ही नहीं, विश्व में अपनी पहचान बना सके हैं। भूमण्डलीकरण के इस दौर में जिस रचनाकार की वैश्विक दृष्टि अगर व्यापक नहीं होगी तो वह सर्वस्वीकार्य हो भी नहीं सकता।

उदय प्रकाश के कथा साहित्य की हिन्दी में कथ्य और शिल्प की नवीनता की दृष्टि से अनेक आलोचना पुस्तकें और शोधग्रंथ प्रकाशित हुए हैं। उनके रचनाविधान और कहानी की नयी भाषा को लेकर भी अनेक समीक्षायें हुई हैं किन्तु भूमण्डलीकरण या यों कहें, वैश्विक स्तर पर मनुष्य की सोच में आये बदलाव को लेकर व्यापक अध्ययन नहीं हुआ है।

डॉ० प्रशान्त सरकार ने ‘उदय प्रकाश का कथा साहित्य : भूमण्डलीकरण का परिप्रेक्ष्य’ ग्रंथ में इस प्रभाव की पूर्ति करते हुए उनके साहित्य को समझने की नयी दृष्टि दी है। व्यापक शोध और अध्ययन के कारण उनका यह ग्रंथ उदय प्रकाश की कहानियों को नये सन्दर्भों में परखने का एक सार्थक प्रयास है, जिससे शोध के नये आयाम विकसित होंगे।


-डॉ० लक्ष्मीकान्त पाण्डेय

पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष

पी० पी० एन० कॉलेज, कानपुर

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