Book Details | |
Book Author | Ed. By. Dr. Ram Pravesh Rajak |
Language | Hindi |
Book Editions | First |
Binding Type | Hardcover |
Pages | 272 |
Publishing Year | 2025 |
हिंदी साहित्य में अनेक ऐसे साहित्यकार हुए हैं, जिनका अध्ययन करने से ज्ञात होता है कि उनका साहित्य आज के मानव जीवन को तनाव प्रबंधन सीखा सकता है। कबीर एक ऐसे ही साहित्यकार हैं जिन्होंने समाज को नई दिशा प्रदान की है। उन्होंने जन-जन को आत्म शुद्धि का संदेश देकर समझाया कि यदि मन शुद्ध है तो चिंता, दुख, निंदा, असंतोष जैसे भाव उत्पन्न नहीं होंगे। जब यही भाव नहीं होंगे तो तनाव नहीं होगा या तनाव कम होगा। कबीर ने कहा कि जब व्यक्ति आत्मशुद्धि पर ध्यान देगा तो वह व्यर्थता की ओर ध्यान नहीं देगा। वह खुद की कमियों को दूर करके सद्गुणों से परिपूर्ण होगा, जिससे उस पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा और तनाव मुक्त रहेगा। कबीर के काव्य में अनेक ऐसे विचार हैं जो व्यक्ति के तनाव प्रबंधन में उपयोगी हैं। इस संदर्भ में कबीर कहते हैं-
"काया करूं कमाण ज्यूँ, पंचतत करी बाण।
मारौं तो मन मृग को, नहीं तो मिथ्या जाण।।"
इन पंक्तियों के माध्यम से कबीर ने बताया है कि मन पर काबू करना मुश्किल है परंतु यदि इन इच्छाओं को नियंत्रित करना सीख लिया तो मनुष्य मानसिक तौर पर पवित्र रहेगा जिससे तनाव प्रबंधन सुलभ हो जाएगा ।