Hashiye Ka Sahitya Samasyayen Evam Samadhan
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Hashiye Ka Sahitya Samasyayen Evam Samadhan

ISBN: 9789385804823
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Book Details
Book Author Dr. Parul L. Singh
Language Hindi
Book Editions First
Binding Type Hardcover
Pages 160
Publishing Year 2022

    समूची मानव जाति एक ही पुरुष की संतान है। आरोपित व्यवस्था समाप्त हो और एक ही धर्म मानव धर्म हो, एक ही जाति मानव जाति हो, प्रत्येक व्यक्ति भारतीय हो, तभी साहित्य सच्चा साहित्य बन सकता है। मुस्लिम, हिन्दू, ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, दलित न हो तभी कहना ठीक लगेगा कि साहित्य केवल साहित्य होता है।

    सवर्णां की ज्यादतियों, उनकी स्वार्थपूर्ण संकीर्ण नीतियों के खिलाफ तथा दलित हित के पक्ष में न केवल भारत में अपितु विदशों में भी लेखन हो रहा है। यह निर्विवाद है कि भारत में वर्णव्यवस्था, जातिप्रथा, छुआछूत की जड़ें जितनी गहरी हैं, उतनी अन्य देशों में नहीं हैं, किन्तु श्वेत-अश्वेत का भयानक अंतर विदेशों में भी दिखाई देता है और उसके खिलाफ सशक्त लेखन हो रहा है। अतः दलित लेखन अब सार्वभौम बन गया है, जो न केवल परिणाम में है अपितु गुणवत्ता में भी अपने अस्तित्व को प्रमाणित कर रहा है।

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