Book Details | |
Book Author | Ankur P. Joshi |
Language | Sanskrit , Hindi |
Book Editions | First |
Binding Type | Hardcover |
Pages | 426 |
Publishing Year | 2019 |
श्री राम एवं रामनाम भारतीय संस्कृति के परम् उपास्य रहे है।वैदिक तथा तान्त्रिक उभयविध साहित्य श्रीराम के माहात्म्य तथा उपासना के वर्णन से आप्लावित है। श्री सीताराम जीकी उपासना करने वाले साधकों एवं भक्तों के लिये भिन्न भिन्न आर्ष ग्रन्थों मे, स्मृतियों मे, पुराणों मे, तन्त्रग्रन्थों मे और उपनिषदों मे से प्राप्त विधानों को एक स्थान पर संग्रहित करने का इस ग्रन्थ मे यथासाध्य प्रयास किया गया है। श्रीसीतारामजीकी उपासना से संबद्ध अनेक कवच एवं स्तोत्र, जोअभी तक प्रकाशित नही हुए थे और भारत तथा विदेशों के पुस्तकालयों की पाण्डुलिपियों मे सुरक्षित थे, उन्हे प्रथम बार इस ग्रन्थ मे उपलब्ध कराया गया है।
श्रीरामोपासना के हृदय समान षडक्षर मन्त्रराजकी उपासना श्रीरामानन्दीयवैष्णव संप्रदाय तथा स्मार्तोंमें भी प्रचलित है। उसके प्रमाणिक जप विधानका विस्तृत विवरण संप्रदाय एवं आगमोक्त पद्धति के सहित किया गया है, जो साधककी दैनिक साधना मे अतीव सहायभूतहोगा। इसके अतिरिक्त मन्त्रराज के जप के पञ्चाङ्ग पुरश्चरण , उसके प्रकार, एवं विशेष नियमों का विवरणभी शास्त्र के प्रमाणों के सहित किया गया है। जप के अङ्गरूप मुद्राओं का वर्णन उनके चित्रों सहित दिया गया है। इसी परम्परा मे नित्य होम तथा अन्तर्याग का वर्णन , भूत शुद्धि का विस्तृत एवं संक्षिप्त विधान आदि भी प्रस्तुत किया गया है।
तन्त्रोपासना मे यन्त्र के आवरण पूजन का अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है। तन्त्र के प्रायः सारे निबन्ध ग्रन्थों मे श्रीरामचन्द्रजी, श्री जानकीजी तथा युगल से संबन्धित अनेक यन्त्रों का विवरण आगमोक्त शैली मे प्राप्त होता है। प्राप्त विवरणों के आधार पर उन यन्त्रों का उद्धार कर उनकी आवरण पूजन पद्धति सहित इस ग्रन्थ मे प्रकाशित किया गया है। मन्त्र सिद्धि के लिये मन्त्रों के संस्कार तथा आगम ग्रन्थों में शिव प्रोक्त ,श्री राम मन्त्रों कि शीघ्र सिद्धि के लिये विशेष कुल्लुका,सेतु, कवच सेतु , निर्वाण,मन्त्र चैतन्य आदि का निरुपण प्रमाण सहित दिया गया है।
श्री रामचन्द्रजी के अनेक मन्त्र उपनिषद् से लेकर आगम ग्रन्थों तक प्राप्त होते है। सकाम तथा निष्काम दोनों भावों को परिपूर्ण करनेवाले१००से अधिक मन्त्रों का ऋषि,छन्दइत्यादि के सहित विधान भी इस ग्रन्थ मे संकलित किया गयाहै। श्रीरामोपासना से संबन्धित सकाम प्रयोगों का वर्णन भी इस ग्रन्थ मे द्रष्टव्य है। श्री रामरक्षा स्तोत्र के बीजमन्त्र सहित विशेष पाठ, जो कि अगस्त्य संहिता और माहेश्वर संहिता के अनुसार प्राप्त है, उसका विवरण श्रीरामोपासकों को अवश्य मुदित करेगा।
संकलनकर्ता एवं लेखक -अंकुर पंकजकुमार जोशी
सम्पादक- डॉ. रामपाल शुक्ल l